--_--_-_-_-_-__-_-_---__-__-_______--____---_----_-__-_---___--_--__--__-
_---__----__--__---____---__--___---____-___---_---___--__-_---__-__-_-__
_-___-____-______--___-___-_-----_-____-----__--_---__----__----_--___---
___-_-_---_-_--_--___-____-__-_-__-__-__-__-_--__---_-__-----_-__--_--_--
--_---__-_---____-----_-_____----_-_-_---_-___--_--_______-_-__----____-_
_-_____---_-___-_----____-__---_---_______----___-___---_----__-__--_----
____----__----_--_-______-_---_-__--_--___-__--_-_-__--_-__---_-_-___-_--
__-_-__--__-----__----_-_-_---__-_-----________-___-__--__--_--_-_--_-___
------_-_---_-______--_-___------_-_-_-___---______--__---___--_--_-_____
___--__--__-_-_----_--___-__-__-___-___--__-_-__-------_----__-__-_-___--
___-_-----__-____-__-------___--_-_-__--_---___-_________-__---_---_---_-
___--___-_-_____--_-___-_-__--_-_-_____-_---_---_-_--__-_-_---_---_-_----
-___--___-----_-___--_-__--_-__-_-_--_-_---_-_---_-__--_-___-___-_-____--
-_-_---_---___-__-___-_-___-___--_--__-__-_-_-__-_--_-----_--__--___-_-_-
___-_--__--_------_-_____-__---_--_---___--___-_----_-__-__-___-_---__-__
_-_----_--_-__-_-__-__---___-__---___-_-_------_----_-_-___---_____-_____
__-___-__--___----_-------___-___--___-__-_--_____-__-_----_-_-__---_-_--
_-_-_-_-_-_____-_-__--_---_-_-_-__-___---_-_--_-_-_----___-____-_-_--_---
--__-_--_-___----__--__---_--_-___--_--__-__--__-___----_--_--____-_-____
---__---_--____-___--___-__----___--___----__-__-_----_-_--__-_-___--_-__
_-_--_--__-__-__---__-___-__-_--_---_-__-__--__----__-___----___-_-__-_--
_--__--__----_-_-_---__-__--_-___-_-_-_----_----___-___-_-__--___-___--__
___----__--__--_-__--_-_--_----__---__-_-----__---_____----__-_________-_
____---_--___------__---__-_-___--_-__--_-__--__----__-_-_-___-_____----_
_--__-__-__-_--_-------_-_---__-___-__---_--___-_____---____--_-_-____---
_-_____-_-_-----_----_---_-______-___-_--_----------_____--_-___--__-____
ネットのタウンワークが良いよ‼
ハロワはブラック企業も多いよ
なぜならば企業がハロワに求人出すの
タダやから
-__-----_-__-_-------___--__-______--__--_--___---____--_--_-_--___-__-__
___-______-__-__-_---_--_---_--____-___----_-_--__-__--_--_--_-_-_-_---_-
_-___--_---__-_-_-__--_-_--_--_-_________-__-_-----_____-_--__---_-----_-
-__-___--____--_-_-_-__---__---__------_--_-__-_-_____-_---_-_-____--__--
--__---_-_----_-__-_-----__-_____--__-_-__-_-___-__-_-_---__---__-_--____
---__-_---_____-___-_-___--__--_---__-_---___----_-___--____-__-__------_
_--______--_----__-____------_-_-_-------___-_-_____-__---_--_-_--_____-_
--__-----__--_-_-___-__---___--_-_--____-____--_-_---___-_-___---_--__--_
_-_--_---_-__-_-_--_--_-__---__--____----__-_---_------_-__-____-________
____-_--_-_-________-___--_---_--_----_--____--_-__---_--_-__---____-----
--_--____-____-----_---_--_--_-----_-___--_--_-_____----_______-__-__-_-_
--_-__----_-_---__-__-__-___-_---_-___--_-____-___---_--__-_-_--____-_---
--_-__---_--___-_-----_-____-____-_-_-_------_--_---__-__--____--___-____
--_____-_--_-____-_--___---___--_-____-_--_--______-_-_-_----_-__--------
_-____-_--------_-_____-___-_--__-___-___--_-_--___---__--_---__--___----
---_-__-_--__--_--_--_----_--____---___-__-_--_____--__--__-___--_-_-_-__
-_-_-_-_-_--__--___----____-__---_---_--_-_-_--__-___-____--_---__-_-__-_
___--_____-_--___-_---_--___--___-_--__---_-___----_---_-_-_-___-_--_-_--
---_--_-_______---_--___--__-_-___-_-__--_-_-__----__---_____-_----__-_--
_--_-_-_--____---__---___--_----__--_-_-_-_-_--_--_-__-___-__--_--_-_____
--_-___--__-__--__-___----___---___-____-----____-_-_--_-_-------_-__-___
-_-___-__-__---_____-_---_---_-_-_-_-____---_-_-----____-__--__--_----___
_--___-__--_---_-__-------_-_____-_-__-___-_--__--_--__-__---__-__-_-_--_
-_--__--_--_-_-__--____--_-___-_-_--_-__--__--____-___--_-----___----___-
-_--__-_-_-_--_----_-__-__-_--__--__--_____---___-_-____---___--_-__----_
_-__-__-_---_-_-_-_--_-----____-_-__-___--_-_--___--_---____-__-_---_-_-_
_-___------___----_____-_----_-_---_-_-____--___--_-_-__-_-_-___---__-_-_
_-____--__--__---_--_-_-_-_--_-__--____-__-_-__--__--__--_---__-_--_--__-
___-_-_-_----____-__-__-_-_-_-_-_-_--_-_--____--_--_-__---_____--_---_---
___--_______--_-__-__-__-__--___--_-_----__-___-_-_----_---_--_--_--_--_-
--_----__--___-_-_-_--_--_--__-_-_--_-__-_--_---______-_______-------____
__-_-_-____-__-----__-___---_---_-_-_____---_-__------________---_---__--
-------______---_--__-_-_----______---_-__-_-----__-_-___-__---_-___-____
--_---__--_-_------__--_-_-__--__-_------____-___-_____-__---_____-_-_-__
_----_--__-__-_--_-_-___-_____----____-____-_______-----_--___-------_---
_-_-_--_--___-_-__--_-__-__--_--_-_______--_--_----_---___--__----__-_-__
_-_---_---___-_--_-__-___-_--_-------_-_--_---__------_--________________
-_---___--_----__-____--______-__-_-__-__--_--_-_-__-_-_-__-_------__-_--
-__-____-__-__-__-----___-_--__-_--_----______----__--__-_---__-___---_--
___-__-_____-__--_-____-----_--_________-____----_-_----__----------_--_-
-_-__-___-_--_-__---_-____--_-_--_-_-_-_-_-__-___-__-_-___----__--_----_-
____--_-_-_______-__-__-_-_-_-_--____-_---------___-----__-_--___---_-_--
-___--_--__-__-----_-_-__-_---____-_--___---_----______-_-___-____----_--
__---_--_--_-__-_--_-_-_-__---_-_-_-_-_-_--_-_-__-_-_--_____-___--_-__--_
-_____--_---_--_____---_-__--_-------___---__-_-__-__-____--_---___-__-_-
----___-__--_-__-__-__----__--_--_-_-___----_-__-____--_____---_-----____
__-_-__--_-__-__---_-_--_-_--____----_-_------_-_-_---__-__-__-_-___-____
--_----_-__---_-__--__--_--_--_-_-__-_-__--__--________--_-_-___--__--_-_
_-_----___--_-_-__--__--_-_-----_-_____--__-_-__-___-___-_----___--___---
-_----_____----__----_-___-__----_--_-_-_-_--_____-__-_-___--__--___---__
___-__-_________---__---____---_-_-_-_----____----___-_-----_-_-_-----__-
__--_-_--_--_---__-_---_--__---_--_--_-_-_-______-__--_---___-______--_-_
-_--_-_-__--__--_---_-_--____--_---___--___-_-----____-__-_-_-_-_--_-____
-__----_-___-__-_-___------__----_-____-_---___-_-________-_--_--_----__-
-_----_--____-_---__--_-----__-_---_--____-__-___--___--___--__-_-___--__
-_-_---__-_--___---___--__---__-__-_-_-_--_-------__-_-__-__--____-___-__
-___-__------____---___---__--___--_--_-____---___-_-__--_---__--__-_-__-
--_-___-_-___--_-----_-__--_--____-__-___-_---___---_--___-_-__-_-_--_--_
_--___--__-_-____-__--_-__--____--_-___----______-----_-_----_----_-__-_-
__----_-__-__---_-_-__-_--_---_--___-___-__-----_-_-_--_----____-______-_
-_--____-__---____-_-___-_-_---_-----_-__--------__---___--___--__-______
-___-------_--_--___-__-_--_----_-___----________--____-_---_-_-_--___-__
--____-___-__--__-_-__-__-_-____-_---_--_---_----_-_--_-___--___-_-_-_---
_----_-_-----____-___-__---_--____-______-_-__--_--_-_-__-_--____----_---
-_-_---_-_---___--_--_-_-_--_-__----_--__-_____-__-__-___-_-__-_-___-_---
__--__-__------_-_-___--__-_______---_---_--__----___-----__-_--_-___-___
---___--____---__-___----_-_--_--_--___--_-_-__---__-_-__-_-_---____-_-__
---__-_-_---__--____-__--_-_-_-_-_____-__--______--_--__-_--_----_-_---_-
___--_-_-----__-__-__-_-_--____------_-_____-_---__-_---_-_-_-_-__-_-__-_
--_-________--_-__-_-_----_----__-----_______----_-_--_-_-_--____-_--_-__
_-_-_-__---___--_--___---_-_-_-__-_-__--_----_--_-_-_--___-___-__-_--__-_
_-__--___--_-_---_--__-_--_-_--_---____---_-_----_-_-_____-____-_-__-__--
-__--__-___--__--_--_-__----____-__---_--_--_-_-__-_-__--_------_______-_
-___--_-----_--__--___--__---_---__-__-___--_--_--_--_____--__--___-__-__
-_--_-_-___--_-_--_-_-_-_-_-_--_---_----__--_-___-___-__---__-_-____--___
-___--_---__-_-__--__--_-___-_-__-_-_---_-_-_-_-___-__---_-_---__-_-___--
__--_-_----_-________-_----__-__----____-_-_--_-_-_____-_-_-_---_-__-----
-----_-__----_---_---__-_--_-____--__-_-_--_--_-____-____-___--_-___-_-__
_-----_--_-_____--_-_-___----_-_------__-_-__-___-_______--_---__-__--_-_
-----_-___--__-_-_--_---_---_--_____-____-_-_----_--_--_-_----___________
_-__--_-_-_____-__-__-__--_-___--_--_-___-__--_-----__-_--_-_-----_-__-_-
_--_-__---___-__-_----___---_---____--_---_-_-__-__-___-_--__---__-_-_-__
__--_______-_----____-_---_-_--__--__---_---___---___-______-_--__-------
----__-__----___--_-__-_--__-__-_-_-_--___--_-__--___---_____-_---___---_
-_-_---_-__-__---____--__--_---__-____--_-_-----_--__-_-----______-____-_
__-----__-_--__--___--__-_-__-____-__----_---___----___--___--_--____-_--
--_-___-_-_-_--__------_--_-___--___-_-___--___-_-__---------____-____-__
___-_-___-__-_-_-_--_-_---____----__-_----_-__-______--_-_-____------_---
-_--__----___-__--_--______----_-_-__---____-_---__--_____-_--_---_-__--_
___----_-_-___-_____--_-------__---__-__---_-_-__-_---____--_--_-__--____
--_-_-__----__-_---_-_____--___-___-__----__---__-___-_----_---__-__-__-_
_-----__---_-_-_-___-_--___-__-___-__-_-_--_---_--_____---_-_---__-__-_-_
-_-___---_--_-_----_-_----____-_---____---__-_--_-_-----__---____________
--_-_-_-______--___--____---__------_--__-_-_---_--_-___-___-_---_--_-___
_-______--__--____-____-_-_---____--__--_--_-_------_--__-_--_-----____--
------__--__---_--_--_-_----__-_______-__-____---___-___-_-_-_------_____
__-----__--____---_-___--__-_-_--___---_--_____-__-__----___---__-_-__---
---__-___--__--_---__----__-___--__---_____----___-__--__-_--_---_-_-____
-_--_---____--__-_-__--__--____-____---__---___-----___-__-__--__---__---
_--_-___-__---______---_____-__-_-____-_----_-___--_--_------__-------___
___-___-____----__---___--_-__---__-_-_--_____---_-___---__--_------__-_-
--___--_-_____-_--_----______------___-_---_---_--__-_-_-_---__-_-__-____
-______--_----_--_-___-------_-_--__-__----__-_-_-_--_-__----_____-______
----_____---_---_--_____--_-______----_-----_--_-__--_-__--_-__-_-_____-_
--_______-_-----__---__---_-_--_____-_--_-___---__-__--_--_--_--___-__--_
_----________----_---____--___---_--_---__----__-__--____--__-_-_---___-_
--_-----_-_-___-_-__---___-_----_--__--____-____---_-_---__-__--__-_-____
_----__--__-_-_--____-------__-_--__---__-__-_____--__--_--_____----_-___
-___-__-__-_-__-_--__----____---_--_---_----___--_--__--_-___--_-_-___-__
----_--_---___-___-____-_-_--_--_---__-___---______--__--__--_-_____-----
-______-_______--------_----_-----__---_-----__-_-__---_-__-_-___-_______
_---_-____-----__---_---__-_--__--____-------_-___-__-_-____-_---_-______
------_-__-_-_-_-__-_-_-_-__--___-_-_-_--_---_--_--___-_-__--_____--__-__
---__--____--_--_-----_-_--_-______-_-___---_--__-_-_--__---___---__-____
-_--__-_-___-__---___--_-____-__-----_--_--___-___-_-__-_--__-----___--_-
-------____---_-_-_--__--_-_-__--___------___-_-_-____-_-___-__---____-__
-___---__-_---__-____-_--_-_____--_-_---_-____-_---_-__--__--__-----_--__
---_-_---___-_-_-_--___-_-__----__--____--_----__----__-___--____-_-__-__
_----__-_____---_-_-_-_-___--_-___-__-___-___-------_-_---___----_____---
---____-__-_--_-_____---_---____-__--_-----___-___--_----____--___---__--
____---__-_-_--_-___-----_-__-__---_--_--_--___---_-_____--_---_-___--___
__--_-____---_--_-_-__-__----__----_--___-_--_-__-__-__-__--__-_--__---__
_----_-_-__-_____---___--__--___-_----_--___----_--_--__-________---__---
--_-_--__---_-_-__---_---_-_--_-________-----__-_____-_-_-___---_---___-_
--__--__-_-_-_---_____-__-____-__--_-_--___-__---_-_-----____-_-_-_-_----
-_-_-_-__-___-_-___-__--__--__--__-__-___---_-__--___-_---__-_---_--_----
___-__-----_----__--__--_--__--__-----___-_-_-_-_-_-___-_--__-___-__-__-_
-_-_-___-___---_-_-__-_-___-_--__-----_--_--___--____--__-----__-__-_-_-_
___-__-----___--_-_---_-_-_-------____-_---__--_--___-_______-___-_--_--_
-_-___-_____-_---_-_-__-_-_--_--_-_------_----_---_-_____-__-_-____-_-_-_
-____-__---___-__-_------_-__--___--__-_----_----_-_-_-__--_--_-_______-_
__---_-_----_---_-__---_-_-_-___-_____---___-____-___----_--_-_-_--_--___
--____-_-_---___-__--_---___-___-_----_____------__---__--__---____---___
__---_-__--____-__--------_-_---_-___--_-__-_-_--_--___-_-____-__-_-_--__
_-__-__--_--_-_--___-_-_-_---___-________--_-----_-__-_-_----___-___-----
-_____-__--_---_---__--_-_-_-__-__---__-_-__-___-_-____---__---__---_--_-
-_______---____--__-___--_-__-____----_--------__-_-_-_--_--_---______---
_____--_-_-__-____-___--_-_--__-_--_----_-______-_---_-_--_-_--_---__----
----_______-_---___----_____----_-__--__-_-_-_----__-_---__-_-_-_--___-__
_--__-_______--___----_--___--______-_-_---_---______--_--_---_--__------
__-_-_--_-_--_-_-__-____----__-_----____---__--_-__-_-___--__-_-_-__-_---
_-__-__---_-_---_--___--_-_-__---_-__--_-__--_--_-_----_-_______-_-___-_-
---__--__-__-_------_____-----__-__--___--_-_-_---__--___-_--____--_-____
_-__--__-__--____--______-_---_-___---_--__-_-_--__-_-_-_--_-_-_-_----_--
___--_--__----____--_--__-_---___-_-___------_-----___-___--___-_--__-___
_-_--__-_-___-__----_-__--____-__--_----__-_--_-_-__--____--_-_--___-_---
___--_--_____----___---_---_---____--_-__-_-_--____--__-__---_-_-_--_-__-
___-----___---__-----___-__-_---_----___----__-____-_--________---_---___
-_-_-_____-__-_-__--_____---_--_----___-___-___-_--___--_----_----_-_-_--
--___--_-_----__-_-____-_-___--_-___-_------_-_-__-_---__-____---_---____
---___-__-__--__-_--_--__--____-----------___--___-______--__-_-_--_-_-__
---_-----_--_____-__--_---_-__-__--__-__--_--_--____--_---__-___-_-__-___
_____--__-_--____--_-_--___-_---------_-__-_---__-___--_---__-_-___-__-_-
-_____-_----__-_____-__-__-___--__---_--_-__----_-___-_-__-------__--_-_-
____-__-----_-____--_---_--------___-___--___-_____-------__-_-___--_-___
---__--_-_--_-_-_-_--___--_-___--___-_-__-__--_-__--_-_-___-_--_--_--___-
人人人人人人人人人人人
< ボーッと生きてんじゃ >
< ねーよ! >
Y`Y`Y`Y`Y`Y`Y`Y`Y`Y`
___
,:::::':::::::::::::::::::::':::::,
/:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::\
/:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::ヽ
/::::::::」L ̄ ̄ ̄ ̄,__/ ゙̄|::::::ヽ
. |:::::::::|7「\__, l l |:::::::::|
|::::::::::| メ从ュ t'从メ .|::::::::::|
~~~~Y { @ } _ { @ } Y~~~~
(cっ⌒ /:::::V:ヽ ⌒cっ)
`- _(::(:_:_:_:_:)::)_ -´
/、|:.:`:´:.:|,ヽ